‘मस्ती की पाठशाला में बच्चों ने जम कर किया धमाल’
‘मस्ती की पाठशाला में बच्चों ने जम कर किया धमाल’
आज दिनांक 18.05.2023 को सेठ एम. आर.जैपुरिया स्कूल्स बनारस के छः दिवसीय समर कैम्प के तीसरे दिन नित्य की भाँति सर्वप्रथम बच्चों ने ईश्वर वंदना से दिन का शुभारंभ किया। ‘एरोबिक्स‘ प्रशिक्षक रोहित जी ने अपनी नवीन कलाओं से सभी बच्चों को ऊर्जान्वित किया। ‘एक्टिविटी ऑफ द डे‘ के अंतर्गत आज बच्चों को ताइक्वांडो’ की बारीकियों से अवगत कराते हुए प्रशिक्षक अमित जायसवाल जी ने बताया कि ताइक्वांडो सबसे पुरानी मार्शल आर्ट्स की एक विशिष्ट कला है । इसका 2000 से अधिक वर्षों का इतिहास है और यह एक प्रमुख आत्मरक्षा तकनीक है जिससे हम केवल अपनी ही नहीं दूसरों की भी रक्षा कर सकते हैं | इसमें पंचिंग ,किकिंग सीखकर निश्चित रूप से बच्चों का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया। इसे हम फिटनेस विथ सेल्फ़डिफेन्स भी कह सकते हैं |
इसी क्रम में एडवेंचर कैंप के प्रशिक्षक नीरज द्विवेदी ने बॉडी जार्ब बॉल का प्रदर्शन कर बच्चों को इस गतिविधि से अवगत कराया ।इस अद्भुत ‘एक्टिविटी के अंतर्गत किए गए क्रियाकलापों से बच्चे ख़ुशी से लोटपोट हो रहे थे | साथ ही साथ बच्चों ने सीखा कि किस तरह से हमें अपने शरीर को नियंत्रित रखना चाहिए|चिलचिलाती धूप में बच्चे बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे |
बच्चों के भीतरी प्रतिभा को निखारने का उत्तम तरीका है उन्हें खुशनुमा माहौल देना | कुछ ऐसे ही सोच के साथ जैपुरिया स्कूल द्वारा आयोजित यह अनूठा समर कैम्प अपने पूरे परवान में नज़र आया, चारों तरफ उल्लास व प्रसन्नता का माहौल बना रहा। प्रत्येक बच्चा अपने पसंदीदा क्रियाकलाप में तल्लीन दिख रहा था। प्रशिक्षण शिविर में व्यस्त प्रशिक्षकों एवं छात्रों को देखकर मन में अपार प्रसन्नता का संचार हो उठता है । कहीं हमारे नौ निहाल रेखाचित्रों में रंग उकेर रहे थे, तो कहीं क्ले मॉडलिंग के माध्यम से मिट्टी को सुंदर आकृतियों में ढाल रहे थे| सभी बच्चे अपनी हस्त निर्मित सुंदर कलाकृतियों को देखकर अपने आपको गौरान्वित महसूस कर रहे थे| |
बच्चों को विविध क्रियाकलापों में दक्ष करने हेतु प्रशिक्षक बड़े धैर्य और प्यार के साथ अपना पूरा सहयोग बच्चों को प्रदान कर रहे थे | प्रत्येक बच्चा घुड़सवार बनने को आतुर दिखाई दे रहा था वहीँ दूसरी ओर ‘साइकिलिंग’ में बच्चें तेज धूप को भी नज़रअंदाज करके साइकिलिंग का आनंद उठाने के साथ अपना आत्मविश्वास भी बढ़ा रहे थे । ‘बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट‘ एक्टिविटी की शिक्षिका श्रुति पाठक के माध्यम से बच्चों ने पुरानी एवं अनुपयोगी वस्तुओं का पुनः उपयोग व नवीनीकरण करना सीखा |छोटे –छोटे बच्चे कोकोनट शैल से पांडा ,टेडीबियर, गार्डन हैगिंग पॉट बना रहे थे | विभिन्न प्रकार के पुराने पत्थरों से भी अनेक प्रकार की सुंदर कलाकृतियाँ बनाई जा रही थी| इस प्रकार पुरानी वस्तुओं का नवीनरूप देखकर हर कोई अचंभित था | ‘आर्ट एंड क्राफ्ट‘ प्रशिक्षण शिविर के अंतर्गत नन्हें कलाकार अपने मन के भावों को रंगों के माध्यम से उकेर रहे थे | यह प्रशिक्षण ज्योति झा एवं ज्योति गुजराती जी के नेतृत्व में दिया जा रहा ।
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